दीवार ...
एक दिन
दीवारों से कहा था मैंने -
वे कभी नहीं आ सकतीं
हमारे मीठे रिश्ते के बीच ।
तब धीरे से कोई हँस पड़ा था ...
और डर गई थी मैं उस मद्धिम हँसी से
कि भूला नहीं मुझे
उसकी हँसी पे
एक मीठी कविता लिख दिया तुमने
और वो उसकी हँसी
दीवार बन उभर आई
हमारे बीच
एक दिन ....
- मधुलिका .
Thursday, October 15, 2009
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